साहित्य साथी रविंद्र
Quote by साहित्य साथी रविंद्र - दो आंखों से देखा मैंने एक नज़र में इस ज़माने को ।।
किसी दिलरुबा पे मेरा दिल  नहीं आया ।।

साहित्य साथी (रविंद्र राजपूत) - Made using Quotes Creator App, Post Maker App
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