Shalini Kumari
Quote by Shalini Kumari - रात के अंधियारे में
यूं चांद को तकना
सितारों की चमचमाहट में
अपनी ख्वाइश बुनना
सुकून दे जाता है ।
देख रही आसमान की ओर मैं
अपने घोसले से सर बढ़ाकर
पेड़ की झाड़ियों में
कुछ साफ नज़र कहां आता है ।
भूलकर हर बंदिश पीछे
पहली उड़ान को निकल पड़ी मैं 
इस चमचमाते आकाश की सैर करने
लेकिन एक पल में सफल कौन हो पाता है।
अपनी ख्वाइशों का पिटारा लेकर
निकल पड़ी खुद अपनी पहचान बनाने
जिंदगी में सफलता देने कोई फरिश्ता थोड़ी आता है।
जो छोड़ आई पीछे 
वो छूटता क्यों नहीं
हर बार वही पुराना सब
याद क्यों आ जाता है।




Shalini Kumari  - Made using Quotes Creator App, Post Maker App
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