adhura_shayar12to2
Quote by adhura_shayar12to2 - यहाँ कुछ पल ठहरना है, ठहरकर लौट जाना है। 
हमारा दिल नहीं है दोस्तों, मेहमानखाना है।।

मैं फिरसे लेट आया हूँ, वो अब तक जागती होगी।
उसे फिर आज मेरी हरकतों पर, रूठ जाना है।।

हसीं मौसम, हवा भी नम, मगर महबूब रूठा है।
सितारों तुम तो सो जाओ, तुम्हे किसको मनाना है।।

मैं उसके साथ बैठूँगा, तो सारा हाल पूँछेगी।
मुझे क्या मौत आई है, जो मुझको सच बताना है।।

अभी बाकी है दम, कन्धों को मैं झुकने नहीं दूँगा।
अभी मुझको मेरे बच्चों की खातिर, घर बनाना है।।

मुझे इन आँधियों को रोक कर, रखना है मजबूरी।
अभी कच्ची है छत मेरी, मेरा छप्पर पुराना है।।

हवा के साथ बह लेंगें, अभी कुछ दर्द सह लेगें।
हमें ऊँचाइयाँ पाकर, जमाने को दिखाना है।।

अधूरा शायर - Made using Quotes Creator App, Post Maker App
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