Vinayak Mani Tripathi
Quote by Vinayak Mani Tripathi - ये ज़िन्दगी।

हाथ से रेत के फिसल जाने के जैसी है ये जिंदगी, निज उर के उद्गारों को साथ लेकर चलती ये जिंदगी। आशाओं से नवजीवन का सृजन कर संभलती ये जिंदगी।असीमित दुख की छाया जब पड़ती है सुखमय जीवन पर, दुख को परे हटा, क्षणिक सुख को भी सखा मान चलती ये जिंदगी। पतंगों को आकाश तक पहुंचाते,कभी पर काटते,फिसलती,मचलती,कभी बहकती मस्त हथिनी की तरह चलती ये जिंदगी।
गुमनाम अंधेरों में भी ध्यान केन्द्रित करती ये जिंदगी। वक्त के थपेड़ों से न डरकर ध्येय प्राप्त करती ये जिंदगी। आर्थिक तंगी में गुमशुदा होकर जीते ये जिंदगी । फिर तरक्की पाकर खुशहाली का दामन ओढ़कर चलती है ये जिंदगी।
नौका पर सवारी करते मझधार से न डरते नाविक, संगीत, सौन्दर्य के मधुर रस का पान करते रसिक, हजारों से लड़ते मुठ्ठी भर सैनिकों की भी होती है जिंदगी । काल के गाल में समाए नौनिहालों की भी थी ये जिंदगी। करोड़ों लोगों को रोगों से मुक्त करने वालों की है ये जिंदगी । उदास चेहरों पर हंसी लौटाने वालों की भी है ये जिंदगी।

-विनायक मणि त्रिपाठी - Made using Quotes Creator App, Post Maker App
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