Divyata Singhai
Quote by Divyata Singhai -                         रत्न 
ये जीवन रत्नों की पोटली है,
        हर दिन, इसका एक रत्न है 
काल, एक समुद्र प्रचण्ड है,
        यही समुद्र, हमारे हर रत्न का अंत है 
इन रत्नों से खेल खेल,
        इनको हम करते ख़त्म हैं 
इनका आत्मोपयोग, 
        अक्षय सुख का प्रयत्न है 


Divyata singhai - Made using Quotes Creator App, Post Maker App
0 likes 0 comments